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Tuesday 31 January 2017

                           २१.गुत्थियाँ प्रेम की 

जय श्री कृष्णा ,मेरी रचना दैनिक ट्रू टाइम्स (दिल्ली और लखनऊ )में 
गुत्थियां प्रेम की अनसुलझी रह जाती हैं ,
सरगर्मियां दिलों की ठंडी हो जाती हैं ।
वीभत्स हो जाता है प्रेम का पैमाना भी ,
जब स्वार्थ की क्रिया प्रेम से ऊपर हो जाती है।
कशिश कहो या सिर्फ देह का आकर्षण ,


खो ही जाता है हवा में कुछ इस तरह ।
ज्यूँ इंसान की फितरत समुद्र की लहरों की तरह,
दिलों को गहरे दर्द दे जाती है।
रात का सूनापन चीर देता है सन्नाटों को भी ,
प्यार की हलकी सी झलक जब धीमे से ,
आकर दिलों को दर्द से निजात दे जाती है ।
सुप्त प्यार भी अहसास दिला ही देता है ,
खुद के बजूद का ।
देखो न बेहतर है प्यार को महसूस करना ,
कब नफ़रत की आग दिलों को दिलासा दे पाती है ।।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

Monday 30 January 2017

                                        २०,यादें 


                                     १९.२६ जनवरी 

मेरी रचना ""!!!!! 26 जनवरी का पर्व है !!!!!"" 26 जनवरी को राजस्थान के "वागड़ दूत" में प्रकाशित |
http://www.readwhere.com/read/425640/VAGAD-DOOT/26-JAN-2015#page/4/2

26 जनवरी पर देश के नाम एक सन्देश 

26 जनवरी का पावन पर्व है 
जिस पर हम सब को गर्व है !
दिलाई थी थी जिन्होंने देश को आजादी,
आज हम सब पर ये उनका क़र्ज़ है !
देश की खातिर हो गए कितने ही नौजवान शहीद ,
आज बैठे हैं हम आजाद उसी का ये सत्य है !
खायी थी जिन बापू ने अपने सीने पर गोलियां
निकालते आज उन्ही में क्यूँ दोष हैं ?
बताना दूसरों के अवगुणों को ,
क्यूँ ये हम भारतवासियों का शौक है !
जीकर जो देखी होती उनकी जैसी जिंदगी ,
तभी होता अहसास दूसरों के फ़र्ज़ का है !
दिलाई थी देश को स्वतंत्रता बड़े ही यत्नों से ,
क्यूँ भूलकर उनका त्याग देते हो आज गालियाँ !
न होते उनके जैसे देश भक्त तो ,
क्या मिल पाती आजादी देश को गुलामी से ?
नमन करो उस झण्डे को जिसमें ,
बसे हैं तीनों रंग आजादी के !
दिलाते हैं जो हर पल याद हमें अपने फ़र्ज़ की ,
तिरंगे ने समेट लिया है खुद में अपने देश को !
केसरिया रंग प्रतीक है हिंदुत्व का ,
तो सफ़ेद सिख और ईसाईयों का !
हरा उस मुस्लिम का जो ख़ुशी का प्रतीक है ,
पर बना दिया हम लोगों ने क्यूँ अर्थ का अनर्थ है ?
क्यूँ भूलकर अपनी आजादी का अर्थ ,
हम लगे हैं बेसिर पैर की बातों में !
गर समय रहते नहीं दिया ध्यान तो,
कैसे बचेगी हमारी सभ्यता ?
क्यूँ अपनाकर पाश्चात्य सभ्यता ,
लगे हो देश को मिटाने में !
क्यूँ अभी भी सो रहे हो ,
जागो ए भारत के नौजवानो ,देश को तुम्हारी जरूरत है ,
वो देश जिसने तुम्हें जनम दिया ,
क्यूँ भूल गए उसकी मिट्टी का,
कर्ज ,जिसके तुम हिस्सा हो !
आज मांग रही है भारत माता वापस,
अपनी मिटटी का क़र्ज़ है !
ए मेरे भारत के वीरो ,
दिखला दो फिर से क्रांति ,
जिसकी देश को आज फिर से जरूरत है !!

जय हिन्द ,
जय भारत माता की

                                         १८,लेख 

नयी दिल्ली और लखनऊ से प्रकाशित ट्रू टाइम्स में आज का लेख 


                                          १७.जिंदगी 


                                     १६.नारी 

जय श्री कृष्णा मित्रो ,आज २३ जनवरी के ट्रू टाइम्स (दिल्ली और 

लखनऊ)में मेरी रचना !




Monday 23 January 2017

                               १५. अक्रूर धाम 

जय श्री कृष्णा मित्रो ,आज 22 /1/17 को मथुरा वृंदावन के अक्रूरधाम में पुष्पेंद्र वाटिका का उद्घाटन और गोपाष्टमी के पावन पर्व पर मुझे भी जाने का और काव्य पाठ का सौभाग्य मिला । शुक्रगुजार हूं मेरे कृष्णा की ।

                                          १४.आइना 


                                                  १३.बेटियां 

आज 18 जनवरी के ट्रू टाइम्स (दिल्ली और लखनऊ )में मेरी रचना !

                                   १२.रेत जैसी जिंदगी 

जय श्री कृष्णा ,कविताओं की श्रृंखलाओं में एक और कविता सौरभ दर्शन 

(राजस्थान )में ,आप सबकी नजर ।


                                        ११.जूनून से 

जय श्री कृष्णा ,आप सभी का दिन शुभ हो ।16 जनवरी के ट्रू टाइम्स (दिल्ली और लखनऊ) में मेरी कविता ,

                             १०.झुग्गियों का दर्द 

मेरी कविता" ट्रू टाइम्स "लखनऊ में ,


                                   ९.उम्मीदों के दीप 

जय श्री कृष्णमित्रो,दैनिक सांध्यज्योति ,जयपुर में मेरी रचना !

                            ८.संवेदनाओं के सागर में 

१० जनवरी  के ट्रू टाइम्स (नई दिल्ली और लखनऊ से प्रकाशित ) में मेरी रचना !!


Sunday 8 January 2017

                             ७.हम और रुढिवादिता 

हमारे देश की सबसे बड़ी कमी महिलाओं में आपस में एक जुटता न होना।
हम आखिर कब तक रूढ़िवादिताओं में फंसे रहेंगे ।
एक चतुर्थी की वजह से क्या सारी चतुर्थी गलत हैं ?पुराण उठाइये और सत्यता की जांच कीजिये ।
क्या गुरुवार को रोगी का हाल पूछने से बीमारी और बढ़ जाती है ?
पढ़लिखकर भी समाज का एक बड़ा वर्ग इन बातों की गहराई में क्यों नहीं जाता ?

                                                6.चाँद 

चाँद को नया नया शौक लगा था मुस्कराने का ,
अंजान था वर्षा ,शायद खुद की खूबसूरती से !

                                    ५.क्यों नहीं 

जय श्री कृष्णा मित्रो आप का दिन शुभ हो ।आज के दैनिक ट्रू टाइम्स (नई दिल्ली और लखनऊ से प्रकाशित) में मेरी रचना ।

                                         ४.कोयल 


जय श्री कृष्णा मित्रो ,रचनाओं की श्रृंखला में एक और रचना "सौरभ दर्शन" में

Monday 2 January 2017

                         ३.नववर्ष की एक और उपलब्धि 

नवी मुंबई से प्रकाशित "जय विजय मासिक"  पत्रिका के जनवरी अंक  में मेरी रचना 



                         २.आगमन समूह की सदस्य(१/१/२०१७)

आगमन समूह की गतिविधियों एवं कार्यक्रमों में सक्रिय सहभागिता के लिए आगमन के निम्न सक्रिय सदस्यों को वर्ष 2017 के प्रथम दिवस पर आगमन समूह की कार्यकारिणी में सम्मिलित करते हुए हमे गर्व है ..आगमन परिवार की ओर से सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए :डॉ अनुराधा शर्मा ,प्रो शरद नारायण खरे , सुश्री प्रीति दक्ष , श्रीमती स्नेहलता भारती , श्रीमतीकीर्ति रत्न , श्रीमती ममता लड़ीवाल,श्रीमती प्रिया सिन्हा , श्री वीर पटेल , श्री विकास महाजन , श्रीमती अलका गुप्ता , श्रीमती वर्षा वार्ष्णेय , सुश्री तन्वी सिंह !
नववर्ष के प्रथम दिवस को ये बताकर आपने हम सभी को एक और ख़ुशी में शामिल कर लिया ।आगमन परिवार में मुझे शामिल करने के लिए आपका और आगमन परिवार का दिल से आभार ।बहुत बहुत धन्यवाद सर ।

                                 1.        HAAPY NEW YEAR 2017


जय श्री कृष्णा मित्रो ,नववर्ष की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनायें और बधाई !आप का दिन शुभ हो !!
आज के उदयपुर के vagaddot me मेरी रचना ,
http://www.readwhere.com/read/1055333/VAGAD-DOOT/01-JANUARY-2016#page/8/2
(१/१/२०१७)