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Monday 11 September 2017

                         १४७,आगमन सम्मान समारोह 

माँ शारदे की असीम कृपा से कल (10/9/17) दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी में आगमन स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर साझा काव्य संग्रह "संदल सुंगध " का विमोचन समारोह और काव्य पाठ का भव्य आयोजन हुआ ! देश विदेश के वरिष्ठ रचनाकार व अन्य रचनाकारों का अदभुत संगम था ! मेरे काव्य पाठ के साथ मुझे भी मंच पर सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ ! परमपिता ईश्वर,गुरूजी और आदरणीय पवन जैन सर का बहुत बहुत आभार !!






                           १४६,ख्वाब और तुम 

जय श्री कृष्णा मित्रो ,मेरी दो कविताएं 3/9/17के एक्सप्रेस न्यूज़ भोपाल में ,



Friday 8 September 2017

                            १४५,अनमनी सी 

जय श्री कृष्णा मित्रो ,मेरी कविता जोधपुर के दैनिक नवज्योति में ,7/9/17 

Wednesday 6 September 2017

                                           १४४ ,संस्मरण 

संस्मरण ;
अक्सर दराजों के संदूक से
झांकती नजर आती हैं कुछ यादें
जिन्हें छिपाना मुश्किल ही नहीं 

नामुमकिन नजर आता है ।
नासूर बनकर दिल मे धड़कती हैं 
आज भी कब भूलती हैं वो कड़वी यादें
चुप चुप रहना तन्हाई में ,
अपलक सांझ को देखना
और याद करना वो गुजरा जमाना
क्या तुमको याद नहीं आती
वो सहमी सी हंसी मेरी
वो घण्टों पेंटिंग रूम में बैठकर
तस्वीरों के साथ रंगों से अठखेलियां करना ।
पेपर आने पर कुछ याद आना
नोट्स के लिए कुछ इस तरह से भोले बन जाना
जैसे एक बच्चा खिलौने की जिद करता है ।
वो कॉलेज की पुरानी भूली बिसरी यादें
आज भी दिल को बरबस रुला जाती हैं
हां कैसे भूल सकता है कोई
जीवन के सबसे सुंदर पड़ाव को
जहां होती है चाहतें सिर्फ
उड़ने की खुले आकाश में ।
दुनिया को कुछ कर दिखाने की
अनगिनत तमन्नाएं ।।

                                              १४३ ,प्रेम 

जय श्री कृष्णा मित्रो ,शुभ संध्या ।मेरा एक और लेख सौरभ दर्शन साप्ताहिक पत्रिका (राजस्थान)में ,

                                        142GOd

Mere bete Ki req par mera first attempt .Waiting your reactions 💐


                               १४१,आरक्षण 

aaj aarakshan hamare desh me aik abhishap ban gaya h .aarakshan jaise beta sabko chaiye par mehnat jaise beti kisi ko nahi .
Aarakshan = beta 
mehanat =beti 
आज आरक्षण हमारे देश में एक अभिशाप बन गया है !आरक्षण जैसे बेटा सबको चाहिए ,पर मेहनत जैसे बेटी किसी को नहीं !!
आरक्षण = बेटा 
मेहनत =बेटी 

                                     १४०,ज्योतिष 

जय श्री कृष्णा मित्रो ,मेरी कविता हिंदी की मासिक पत्रिका ज्ञान गंगा (अलीगढ़) के अगस्त अंक में ।