![versha varshney {यही है जिंदगी }](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhaHH9c2DUn77ljN47jKe5wMJTbXZ5hUEB5JGV-K2K1_fS6jI8mplFVk4oomCVEGVHJtH22yij5EQQ42ul8HrMjyQU5msHA1CaXRuuzQfdI9i4zRppXslIti0YV4Dqcai9_QRzqcvdDlAff/s960/IMG_20170630_122227.jpg)
versha varshney {यही है जिंदगी } जय श्री कृष्णा मित्रो, यही है जिंदगी में मैंने मेरे और आपके कुछ मनोभावों का चित्रण करने की छोटी सी कोशिश की है ! हमारी जिंदगी में दिन प्रतिदिन कुछ ऐसा घटित होता है जिससे हम विचलित हो जाते हैं और उस अद्रश्य शक्ति को पुकारने लगते हैं ! हमारे और आपके दिल की आवाज ही परमात्मा की आवाज है ,जो हमें सबसे प्रेम करना सिखाती है ! Bec Love iS life and Life is God .
Followers
Thursday, 11 January 2018
५,प्रथम कवि सम्मलेन आगमन अलीगढ
जय श्री कृष्णा मित्रो ,माँ शारदे की अनुकम्पा से "आगमन साहित्यिक एवं सामजिक समूह " , अलीगढ़ के तत्वावधान में दि0 07-01-2018 को हिन्दू इन्टर कॉलेज , अलीगढ़ के सभागार में वृहद् काव्य समारोह का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पवन जैन (नोएडा) ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में कवि अशोक अंजुम जी को सम्मानित किया गया । कार्यक्रम के संयोजक संस्था के जिलाध्यक्ष डॉ. दिनेश कुमार शर्मा प्रिंसिपल (हिन्दू इंटर कॉलेज) एवं जिला सचिव श्रीमती वर्षा वार्ष्णेय (कवियित्री एवम लेखिका )रहे। कार्यक्रम का सञ्चालन अध्यक्ष श्री डॉ दिनेश शर्मा जी और आदरणीय श्री नरेन्द्र शर्मा नरेंद्र जी ने किया । सर्वश्री अशोक "अंजुम" , नरेन्द्र शर्मा "नरेन्द्र", यादराम शर्मा , (अलीगढ), संदीप यादव (गोरखपुर), श्रीमती डॉ. रश्मि शर्मा (हापुड़), सुन्दर सिंह (देहली), मुकेश उपाध्याय, सुभाष सिंह तोमर, श्रीमती पूनम शर्मा "पूर्णिमा", डॉ. दिनेश कुमार शर्मा , प्रवीण शर्मा "दुष्यंत", अशोक शर्मा , रूप किशोर गुप्ता , श्री ओम वार्ष्णेय , श्रीमती वर्षा वार्ष्णेय एवं वतन शहजादा आदि कवि/कवयित्रियों ने गीत , ग़ज़ल , मुक्तक , छंद आदि विधाओं में शृंगार , हास्य-व्यंग्य , ओज , करुण एवं आध्यात्मिक रचनाएँ सुना कर तालियों के रूप में मनीषी श्रोताओं से भरपूर प्रशंसा प्राप्त की । इस श्रेष्ठ एवं सफल कार्यक्रम में अन्य सभी मनीषी श्रोताओं के साथ डॉ मनवीर सिंह तोमर (जिला संयोजक धर्म जागरण विभाग आरएसएस) ,श्री राजाराम "मित्र" (प्रांतीय संरक्षक, संस्कार भारती), डॉ. शम्भू दयाल रावत (प्रधानाचार्य , अग्रसेन इंटर कॉलेज, हरदुआगंज), डॉ. दिनेश शर्मा (जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय सेवा संस्थान एवं पूर्व पार्षद) आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे !
२,लेख
मेरा लेख बदायूं एक्सप्रेस पर ३/१/१८
http://www.badaunexpress.com/good-morning/z-2355/
बिन तुम्हारे कुछ नहीं-वर्षा वार्ष्णेय
बहुत प्यारे हो तुम,तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले ।जब तुमसे बात करती हूं,तो लगता है जैसे मेरे पास सब कुछ है ,बिन तुम्हारे मैं कुछ भी तो नहीं ,समझे नहीं शायद ,हाँ प्यार ही तो हो तुम ।तुमसे दो पल की दूरी भी बर्दाश्त नहीं होती ।ऐसा क्यों है ,समझ नहीं आता ।जिंदगी में सिर्फ यही तो चाहा था बस प्यार ही प्यार हो । हाँ तुम प्यार ही तो हो ,जो सबको जीना सिखाता है ।मेरी तन्हा जिंदगी का साज हो तुम ।प्यार की खनकती आवाज हो तुम ।चाँद तारे तो सिर्फ ख्वाब की बात हैं ,जिंदगी का एक चमत्कार हो तुम ।कैसे कहूँ तुमसे सोचती हूँ रात दिन ,टूटी हुई उम्मीदों का हौसला हो तुम । हां प्यार ही तो हो तुम ।सारा जहां जिसमें सुकून से सोता है । एक माँ का दुलार हो तुम ।हां प्यार ही तो तुम ।एक पत्नी का स्त्रीत्व हो तुम ।एक बहन का स्नेह हो तुम ।एक पिता की छत्रछाया हो तुम ।हां तुम प्यार ही तो हो ।अपने ही सवालों में उलझी हुई प्रेयसी का जवाब हो तुम ।देश को समर्पित एक जान हो तुम । विरहन के आंसुओं का सैलाब हो तुम ।कब नजर आते हो तुम हक़ीक़त में ,लेकिन दुनिया के जीने का एक राज हो तुम ।हाँ तुम सिर्फ प्यार ही तो हो । विस्तृत है तुम्हारी कहानी ,आदिम युग से वर्तमान तक ,द्वापर युग से कलयुग तक युगों का गहरा राज हो तुम ,हाँ मीरा से लेकर लैला तक प्यार ही प्यार हो तुम ,प्यार ही प्यार हो तुम ।
बहुत प्यारे हो तुम,तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले ।जब तुमसे बात करती हूं,तो लगता है जैसे मेरे पास सब कुछ है ,बिन तुम्हारे मैं कुछ भी तो नहीं ,समझे नहीं शायद ,हाँ प्यार ही तो हो तुम ।तुमसे दो पल की दूरी भी बर्दाश्त नहीं होती ।ऐसा क्यों है ,समझ नहीं आता ।जिंदगी में सिर्फ यही तो चाहा था बस प्यार ही प्यार हो । हाँ तुम प्यार ही तो हो ,जो सबको जीना सिखाता है ।मेरी तन्हा जिंदगी का साज हो तुम ।प्यार की खनकती आवाज हो तुम ।चाँद तारे तो सिर्फ ख्वाब की बात हैं ,जिंदगी का एक चमत्कार हो तुम ।कैसे कहूँ तुमसे सोचती हूँ रात दिन ,टूटी हुई उम्मीदों का हौसला हो तुम । हां प्यार ही तो हो तुम ।सारा जहां जिसमें सुकून से सोता है । एक माँ का दुलार हो तुम ।हां प्यार ही तो तुम ।एक पत्नी का स्त्रीत्व हो तुम ।एक बहन का स्नेह हो तुम ।एक पिता की छत्रछाया हो तुम ।हां तुम प्यार ही तो हो ।अपने ही सवालों में उलझी हुई प्रेयसी का जवाब हो तुम ।देश को समर्पित एक जान हो तुम । विरहन के आंसुओं का सैलाब हो तुम ।कब नजर आते हो तुम हक़ीक़त में ,लेकिन दुनिया के जीने का एक राज हो तुम ।हाँ तुम सिर्फ प्यार ही तो हो । विस्तृत है तुम्हारी कहानी ,आदिम युग से वर्तमान तक ,द्वापर युग से कलयुग तक युगों का गहरा राज हो तुम ,हाँ मीरा से लेकर लैला तक प्यार ही प्यार हो तुम ,प्यार ही प्यार हो तुम ।
Subscribe to:
Posts (Atom)