Followers

Wednesday 4 July 2018

                                           98,vichaar 

जय श्री कृष्णा मित्रो,

विचारों की सुंदरता या बदसूरती ही 
आपको सुंदर या बदसूरत बनाती है ।

काव्य और सौंदर्य दोनों
 एक दूसरे के पूरक हैं ,
जो पढ़ने में मन को छू जाए
 वही काव्य का सौंदर्य है !!

No comments:

Post a Comment