१३८,यूँ ही
शुक्रिया आदाब नूर तेरी रहमत का ,
मोह्हबत के बाद जुदाई का फरमान भी इंतहा है मोह्हबत की ।
वर्षा22@
मोह्हबत के बाद जुदाई का फरमान भी इंतहा है मोह्हबत की ।
वर्षा22@
अब किसी बात का कोई असर नहीं होता ।
जब हाल ऐ दिल की दवा का कोई असर नहीं होता
जब हाल ऐ दिल की दवा का कोई असर नहीं होता
 वर्षा 22@\
एक समय के बाद सब कुछ बदल जाता है ।दुनिया ,इंसान, पेड़ पौधे ,बस इंसान का स्वभाव नहीं बदलता । वो हर सामने वाले व्यक्ति को अपना जैसा समझता है ,बस यही उसकी सबसे भूल भी होती है और फितरत भी ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
जब रिश्तों में गलतफहमियां बढ़ने लगें तब दिल का सुकून और रातों की नींद भी गायब हो जाती है ।जितना जल्दी हो सके अपने मन की शंका का समाधान करना ही उचित रहता है ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
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