११२.कविता
खुले आसमान के नीचे देखकर
वो चिड़ियों को उड़ते हुए
आते हैं दिन याद बचपन के
जहाँ थी आजादी उड़ने की
कुछ बंदिशे थी ज़माने की
पर खुशियाँ थी चहचहाने की
वो चिड़ियों को उड़ते हुए
आते हैं दिन याद बचपन के
जहाँ थी आजादी उड़ने की
कुछ बंदिशे थी ज़माने की
पर खुशियाँ थी चहचहाने की
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