न उम्र देखते हैं न जगह बस आँखों को भिगो जाते हैं ये आँसू
खुशी का माहौल हो या फिर गमगीन नजारा
बादलों की तरह अचानक बरस जाते हैं ये आँसू
किसी को लगते हैं सच्चे तो किसी को घड़ियाली नजर आते
दिल का बोझ झट से हल्का कर जाते हैं आँसू
ममत्व का प्रतीक भी हैं तो दुःख का गहरा सागर भी
उम्मीदों के सागर में अक्सर डुबकी लगा जाते हैं आँसू
👍👍💐
ReplyDeleteसच्च है आदरणिया जी मेरे जीवन मे ऐसा घट चुका ऐक गीत वीर वधू की पीड़ा लिखते वक्त दूसरे अंतरा मे आंखों आंसू आगये फिर दो तीन घंटे बाद पूरा किया राजस्थानी मे है यूट्यूब पर
ReplyDeleteThanks
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