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Wednesday 28 December 2016

                                  १३१,कशमकश

कशमकश से भरी जिंदगी कब सुकून देती है ।
चलते तो हैं लोग सभी मंजिलो की तरफ ,
होते हैं कितने खुशनसीब ,मंजिल पनाह देती है ।
गुजर गए वो बीते पल भी खुशियों की चाहत में ,
आज का पल भी गुजर ही जाएगा जिंदगी में ।
चलते रहना ही जिंदगी है ...............दोस्तों ,
जाने क्यों जिंदगी हर कदम इम्तहान लेती है ।।
(17/12/16)mera golden chance miss ho gaya .I am very upset .shayad jo hota hai usmen kuch acchai hi hoti hai .

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