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Tuesday 15 August 2017

१३३.कृष्णा जन्माष्टमी

जय श्री कृष्णा ,आप सभी को मेरे कान्हा के जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई । दिल से लिखी एक कविता मेरे प्यार मेरे कृष्णा को समर्पित करती हूं  ।आभार सौरभ दर्शन साप्ताहिक पत्र भीलवाड़ा (राजस्थान) 12/8/17 .

प्यार हो तुम
दिल का अहसास हो तुम
संजोया था कभी ख्वाब में
उसी ख्वाब का राज हो तुम
भूल जाती हूँ जिंदगी को भी
उस जिंदगी का साज हो तुम
बाबरी हो गयी बनकर मीरा
ओ मेरे प्राण मेरे कृष्णा हो तुम।
बांसुरी की धुन पर दौड़ आयी थी कभी
वही राधा के कृष्णा हो तुम।
चाहती हूं बन जाऊं तेरे होठों की बंशी
ओ गोपाला मेरे कान्हा हो तुम।
लगन मेरी बुझा देना ओ सांवरे,
मेरे दिल के छैला हो तुम।
जला दी प्रेम की बाती
मेरे सूने से आंगन में ।
राधा के श्याम
रुक्मणी के भरतार हो तुम।
प्यार में तेरे बनकर बाबरी
सुध बुध अपनी भुला बैठी।
ओ कृष्णा मुझे कभी न भुला देना।
मेरी नैया मेरे जीवन की पतवार हो तुम।
सब कुछ कह दिया ओ गिरधारी ,
मेरी सूनी जिंदगी के रिश्तेदार हो तुम।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

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