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Sunday 13 August 2017

                                        १२७ लेख 

क्यों हम किसी व्यक्ति पर इतना निर्भर हो जाते हैं कि उसके बिना कुछ भी अच्छा नही लगता ?जिंदगी अचानक रुकी हुई लगने लगती है ।संसार मे हर व्यक्ति अपनी हजारों समस्याओं से घिरा हुआ है ,जरूरी तो नही कि जब आप चाहे सामने वाला व्यक्ति आपके लिए हाजिर हो ।मानव स्वभाव हर व्यक्ति को अपना जैसा समझने पर मजबूर है । घर ,परिवार ,समाज सभी की कुछ न कुछ चाहत होती हैं।क्या एक व्यक्ति एक समय मे सभी की इच्छाओं की पूर्ति कर सकता है ?इंसान इंसान है ,भगवान तो नहीं ।फिर किसी व्यक्ति से इतनी अपेक्षाएं क्यों ??????

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