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Thursday 19 April 2018

                                   ६४,इबादत 
















इबादत ,अक्स यादें ........बेहिसाब ,
तन्हाई का अजीब जमाना है साहब ।
वो जुर्म करके भी आजाद हैं ,
दागदार पर /*****************
ख़्वाब लूटने का इल्जाम है साहब।

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