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Saturday 10 February 2018

                              १३,बसंत पंचमी 

"नवजीवन नवांकुर का 
मीठा सा संदेश हो तुम ,
कवि की हो कल्पना 

लेखन का मर्मभेद हो तुम ।
सतत साधना का अविरल 
ज्ञान देना तुम ,
अज्ञान के अंधकार में ,
ज्ञान का सुंदरतम प्रकाश हो तुम ।"

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