१५९,लेख
मेरा लेख बदायूं एक्सप्रेस पर ।
http://www.badaunexpress.com/badaun-plus/a-5634/
पति पत्नी का रिश्ता एक समय के बाद ठंडा होकर अपने रिश्ते की गरिमा खोने लगता है ।शादी होने के बाद जहां दोनों ही इस रिश्ते के महत्व की अनदेखा करने लगते हैं ,वहीं से धीरे धीरे एक दूसरे के लिए अहसास खत्म होने लगते हैं । घर परिवार की जिम्मेदारियां ,बच्चों का पालन पोषण ,सामाजिक रस्म रिवाज जैसे दोनों को ही मात्र एक बंधन लगने लगते हैं ,और प्यार की भावना अपना दम तोड़ने लगती है ।जो प्यार और वायदे शादी से पहले होते हैं, क्यों वो शादी के बाद सिर्फ यादें बनकर रह जाती हैं ? महंगे कपड़े ,जेवर ही खुशियों का पर्याय नहीं होते ।यदि पति पत्नी दोनों ही एक दूसरे की छोटी छोटी बातों को महत्व दें तो प्यार की गरिमा को बनाये रखना कोई कठिन कार्य नहीं !
समय समय पर एक दूसरे की समस्याओं को सुनना ,एक दूसरे की पसंद का ध्यान रखना , दोनो को एक दूसरे के नजदीक लाता है । आज के समय मे सोशल मीडिया ने भी दूरियों को कम किया है ।एक छोटी सी कॉल भी आपकी जिंदगी को खुशियां दे सकती है ।
क्या कभी किसी ने सोचा है कि आजकल रिश्ते क्यों टूट रहे हैं ?क्यों मनभेद मतभेद का रूप धारण कर लेते हैं । क्यों एक पुरुष अपनी प्रेमिका की बातों को याद रखता है,लेकिन पत्नि की बातें जहर लगने लगती हैं । क्यों बच्चों के सामने पत्नी का कोई महत्व नहीं होता ? किसी दूसरे घर से आई पत्नी के लिए वो घर हमेशा पराया ही होता है । यदि पति पत्नी दोनों ही एक दूसरे की भावनाओं को दिल से समझें और सम्मान दें तो परिवार में प्यार को बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता ।
बच्चे अपनी जगह ,और आपसी प्यार अपनी जगह ।कोई किसी की जगह नहीं ले सकता । करवा चौथ का पवित्र व्रत पति-पत्नी को एक दूसरे के करीब लाने का अच्छा प्रयास है क्योंकि पति पत्नी का रिश्ता अटूट है । तो आइए आज से ही एक दूसरे को सम्मान देने का प्रण लें । महंगे गिफ्ट देने की बजाय एक दूसरे की जरूरतों का ध्यान रखें ।एक दूसरे के साथ वक़्त बिताएं । समय का क्या भरोसा ,क्यों न आज खुशियों को गले से लगाएं ।यदि खुशियां पैसों से खरीदी जाती तो शायद आज दुनिया का कोई भी रईस व्यक्ति दुखी नहीं होता ।
समय समय पर एक दूसरे की समस्याओं को सुनना ,एक दूसरे की पसंद का ध्यान रखना , दोनो को एक दूसरे के नजदीक लाता है । आज के समय मे सोशल मीडिया ने भी दूरियों को कम किया है ।एक छोटी सी कॉल भी आपकी जिंदगी को खुशियां दे सकती है ।
क्या कभी किसी ने सोचा है कि आजकल रिश्ते क्यों टूट रहे हैं ?क्यों मनभेद मतभेद का रूप धारण कर लेते हैं । क्यों एक पुरुष अपनी प्रेमिका की बातों को याद रखता है,लेकिन पत्नि की बातें जहर लगने लगती हैं । क्यों बच्चों के सामने पत्नी का कोई महत्व नहीं होता ? किसी दूसरे घर से आई पत्नी के लिए वो घर हमेशा पराया ही होता है । यदि पति पत्नी दोनों ही एक दूसरे की भावनाओं को दिल से समझें और सम्मान दें तो परिवार में प्यार को बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता ।
बच्चे अपनी जगह ,और आपसी प्यार अपनी जगह ।कोई किसी की जगह नहीं ले सकता । करवा चौथ का पवित्र व्रत पति-पत्नी को एक दूसरे के करीब लाने का अच्छा प्रयास है क्योंकि पति पत्नी का रिश्ता अटूट है । तो आइए आज से ही एक दूसरे को सम्मान देने का प्रण लें । महंगे गिफ्ट देने की बजाय एक दूसरे की जरूरतों का ध्यान रखें ।एक दूसरे के साथ वक़्त बिताएं । समय का क्या भरोसा ,क्यों न आज खुशियों को गले से लगाएं ।यदि खुशियां पैसों से खरीदी जाती तो शायद आज दुनिया का कोई भी रईस व्यक्ति दुखी नहीं होता ।
“तमन्ना है तेरे बाजूओं में मेरा दम निकले ,
मौत भी आये तो नाम सिर्फ तेरा निकले ।
गैरों से क्यों करते रहें गिला शिकवा ।
प्यार ही प्यार में जिंदगी ताउम्र निकले ।”
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
मौत भी आये तो नाम सिर्फ तेरा निकले ।
गैरों से क्यों करते रहें गिला शिकवा ।
प्यार ही प्यार में जिंदगी ताउम्र निकले ।”
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
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