81,dil se
कुछ बातें दिल से ,
कभी कभी सोचती हूँ ये दुनिया कितनी स्वार्थी है ,काश में भी इस दुनिया जैसी बन पाती । जो लोग कहते हैं हम तुम्हारे साथ हैं अगले ही पल वो इसी दुनिया के परिंदे नजर आते हैं जिन्हें सिर्फ अपनी खुदगर्जी के सिवाय कुछ और नजर नहीं आता।
मेरा कोई गॉड फादर नहीं ।ईश्वर की असीम कृपा रही आज तक कि किसी के आगे सर झुकाने की जरूरत नहीं पड़ी । आज तक जो भी मिला उस परमपिता की कृपा से ही मिला और आगे भी जो मिलेगा उसी की कृपा होगी ।मैं खुश हूं , हां भावुकता मुझे विरासत में मिली है लेकिन ये मेरी कमजोरी नहीं मेरी हिम्मत है । हे परमपिता अपनी कृपा बनाये रखना ।जीवन में सिर्फ आपके सिवा किसी और के सामने सर झुकाने की नौबत मत आने देना ।
कभी कभी सोचती हूँ ये दुनिया कितनी स्वार्थी है ,काश में भी इस दुनिया जैसी बन पाती । जो लोग कहते हैं हम तुम्हारे साथ हैं अगले ही पल वो इसी दुनिया के परिंदे नजर आते हैं जिन्हें सिर्फ अपनी खुदगर्जी के सिवाय कुछ और नजर नहीं आता।
मेरा कोई गॉड फादर नहीं ।ईश्वर की असीम कृपा रही आज तक कि किसी के आगे सर झुकाने की जरूरत नहीं पड़ी । आज तक जो भी मिला उस परमपिता की कृपा से ही मिला और आगे भी जो मिलेगा उसी की कृपा होगी ।मैं खुश हूं , हां भावुकता मुझे विरासत में मिली है लेकिन ये मेरी कमजोरी नहीं मेरी हिम्मत है । हे परमपिता अपनी कृपा बनाये रखना ।जीवन में सिर्फ आपके सिवा किसी और के सामने सर झुकाने की नौबत मत आने देना ।
तब्बसुम के धागों से इश्क़ को बुना ,
तो सूरत ऐ यार *****नजर आई !
तन्हाई का आलम बड़ा संगीन था ,
इश्क़ के नसीब में होती है जुदाई !
तो सूरत ऐ यार *****नजर आई !
तन्हाई का आलम बड़ा संगीन था ,
इश्क़ के नसीब में होती है जुदाई !
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