80,Maa
कहते हैं सीधे पेड़ जल्दी ही काट दिए जाते हैं ।क्या सीधा होना गुनाह है या त्रासदी ? पढ़लिखकर जिस ऊंचाई को आपने छुआ था उस जमाने में लोगों के लिए मात्र एक सपना था ।एक पवित्र आत्मा जो इस जमाने के लिए अजूबा थी ।दया ,उदारता ,बड़ो को सम्मान देना ,समाज सेवा कितने सारे गुण समेटे हुए थी ।मेरी हर इच्छा को पूरी करना जैसे आपके लिए जुनून था । क्यों लेकिन क्यों नहीं सोचा एक बार भी आपके बाद मेरा क्या होगा ?इतनी कम उम्र में क्यों तमन्नाओं से मुख मोड़ लिया ।अनुउत्तरीत हैं आज भी सारे सवाल ।माँ अगले जन्म में फिर से मिलेंगे उन्हीं सारे सवालों के जवाब के लिए । मिलोगी न माँ ? तुमने कहा था मम्मी एक बार, "मैं चली जाऊंगी भगवान के पास लेकिन तुझे तेरी सारी चीजें भेज दिया करूंगी ।" बाल सुलभ मन कितना अनजान होता है ,और मैं सहज तैयार हो गई थी । जब भी कभी रेडियो पर गाना सुनती थी तो लगता था तुम गा रही हो । मामा कहते थे मम्मी आसमान से गीत गा रही है और मैं सच मान लेती थी । माँ तुम कहती थीं मैं तुझे बहुत बड़ा इंसान बनाऊँगी।कोशिश कर रही हूं माँ शायद तुम्हारी अधूरी इच्छाओं को पूर्ण कर सकूँ ।आज इस उम्र पर आकर फिर से कहती हूँ माँ लौट आओ सिर्फ एक क्षण के लिए ही सही मुझे कुछ नहीं चाहिए सिर्फ तुम्हारी गोद के सिवा ।काश ऐसा होता .......
तुम्हारी बेटी तुम्हारे इंतजार में
तुम्हारी बेटी तुम्हारे इंतजार में
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