Followers

Monday 8 August 2016

पति पत्नी और चुप्पी

                            ६९.पति पत्नी और चुप्पी 

पति पत्नी का रिश्ता जो बहुत नाजुक होता है।ये रिश्ता वो रिश्ता है जो एक दूसरे से ज्यादा नहीं पर प्यार और समझने की जरूरत रखता है ।चुप्पी और ख़ामोशी धीरे धीरे एक समझौते का रूप तो ले लेती है लेकिन अंदर  की कसमसाहट कहीं दूर तक तोड़ जाती है । क्या रिश्तों को चुप होकर ढोना ही वैवाहिक जीवन की बुनियाद है या फिर एक सजा ? पैसा सिर्फ आपकी जरूरतों को पूरा कर सकता है लेकिन प्यार को नहीं ।जिंदगी  में खुश रहने के लिए आपसी रिश्तों का जीवंत होना भी उतना ही जरूरी है जितना जरूरी पैसा है । अधिकतर महिलायें अपने जीवन को एक समझौता मान कर सारी जिंदगी एक चौखट के भीतर गुजार देती हैं ।शायद यही उनका जीवन है और यही जीवन की त्रासदी भी ।।कभी किसी ने इस बात पर गौर  किया है क़ि औरत ही ज्यादा बीमार क्यों होती हैं पुरुष क्यों नहीं ?नजरिया साफ़ है । प्रकृति ने औरत को कुछ इस तरह बनाया है जिसे  जीवन में सहन करने की आदत होती है और जीवन पर्यंत सहन करना उसकी मजबूरी बन जाती है ।इसी को कुछ लोग औरत की कमजोरी मानकर  उसका शोषण करते हैं और नतीजा घुटन और बीमारियां।
           प्यार ही जीवन का सार है ,
           बिन प्यार के जीवन सिर्फ और सिर्फ एक तकरार है ।

No comments:

Post a Comment