देश को आजादी दिलाने में कितने ही देशभक्त शहीद हो गए ,लेकिन हमारी बदकिस्मती देखिये देश आज भी गुलाम है ।अपने ही देश में कितने लोग गुलामों जैसी जिंदगी जी रहे हैं ।शायद इसी का नाम आजादी है ।
आजादी ,वो शब्द जो सुनने में अच्छा लगता है,लेकिन क्या आजादी का सही मतलब किसी ने समझा है ?
स्कूलों में झंडा फहराने का नाम है आजादी ,
किसी जमाने में दो लड्डू मिलने का नाम था आजादी ।
आजादी,छोटी छोटी दुकानों पर एक नजर तो घुमाओ
मिल जाएंगे बहुत सारे छोटू और पप्पू ,धोते हुए हमारी और तुम्हारी झूठी प्लेटें।
मालिक की न सुनने पर पड़ जाते हैं कान पर खींच कर जब दो चांटे ,रो भी नहीं पाता वो मासूम क्योंकि उसे अभी और प्लेट धोनी हैं ।
क्या यही है आजादी जिसका हम ढिंढोरा पीटते हैं , आजाद देश में रोटी की खातिर गुलामी सहन करते वो मासूम बच्चे , जो कभी स्कूल का मुहँ भी नहीं देख पाते ,शायद यही है आजादी ।
आजादी ,एक बेटी अपनी माँ को देखना तो दूर रहा ,फ़ोन पर बात भी नहीं कर सकती ,
क्योंकि अब वो परायी हो चुकी है ,अब माँ माँ नहीं रही , अब वो किसी और की गुलाम है ।यही तो है आजाद देश की एक औरत की आजादी ।
आजादी , एक पढ़ा लिखा नौजवान लाचार है ,
पेट भरने के लिए , मजदूर जैसी हैसियत है आज उसकी लाखों खर्च करके भी ,क्योंकि
वो sc या bc ग्रेड में नहीं आता ,इसलिए वो बेरोज गार है।
वो आजाद देश जहाँ पग पग पर भ्रष्टाचार है ।
एक बच्चा अपनी जान से हाथ धो बैठता है क्योंकि उसके माँ बाप की हैसियत नहीं थी रिश्वत देने की ।
हाँ शायद आजादी इसी का नाम है जहाँ हम अपनी अभिव्यक्ति करने में भी डरते हैं,क्योंकि आजाद देश में आज भी बहुत सारे अंधे कानून हमें बेड़ियों में जकड़ते हैं ।
जय हिंद जय भारत ।
Very nice heart touching
ReplyDeleteKeep writing God bless
thanks very much
DeleteVery nice heart touching
ReplyDeleteKeep writing God bless
यथार्थ का सजीव चित्रण (y)
ReplyDeletethanks very much
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