९९. माँ
मुद्दे की बात .........
एक माँ की ममता और दर्द को समझने के लिए पुरुषों को महिलाओं के साथ लेबर रूम में जाने पर पाबंदी नहीं होनी चाहिए ।एक पुरुष एक स्त्री की मनोव्यथा को तभी ठीक से समझ पायेगा ।शायद मेरी बात आप सबको मजाक लगे ,लेकिन यही सत्य है ।जब किसी पुरुष ने उस पीड़ा और दर्द को महसूस ही नहीं किया तो फिर वो किसी स्त्री और माँ के साथ कैसे न्याय कर पायेगा । माँ हो या भारत माँ ,उसका दर्द जानने के लिए दिल से एहसास जरूरी है ।
एक माँ की ममता और दर्द को समझने के लिए पुरुषों को महिलाओं के साथ लेबर रूम में जाने पर पाबंदी नहीं होनी चाहिए ।एक पुरुष एक स्त्री की मनोव्यथा को तभी ठीक से समझ पायेगा ।शायद मेरी बात आप सबको मजाक लगे ,लेकिन यही सत्य है ।जब किसी पुरुष ने उस पीड़ा और दर्द को महसूस ही नहीं किया तो फिर वो किसी स्त्री और माँ के साथ कैसे न्याय कर पायेगा । माँ हो या भारत माँ ,उसका दर्द जानने के लिए दिल से एहसास जरूरी है ।
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