१३६ निर्भया ,
आज हमारे समाज में लड़कियों की कितनी दुर्दशा हो रही है इसके लिए जिम्मेदार कहीं कहीं न कहीं बरसों पुरानी सोच है जो लड़कियों को ऐसा नारकीय जीवन जीने को मजबूर करती है । यू पी में ऐसी ही एक घटना ने हम सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है ।मेरी इसी व्यथा को लेकर एक रचना आज के वागढ दूत में
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