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Wednesday 13 December 2017

                                           १६१,बेटियां 

जय श्री कृष्णा मित्रो ,
(कभी मुद्दे की बात पर भी अपनी राय जरूर रखनी चाहिए ,शायद किसी की आंख खुल जाए ।)
कौन कहता है बेटियां बोझ नहीं होती ,आज के शिक्षित समाज में भी जब ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं तब मन एक अनजानी सोच में डूब जाता है ।चंद दिनों पहले कन्या को देवी का रूप मानने वाले समाज में जब ऐसी वीभत्स घटनाएं सामने आती हैं तो समाज की सच्चाई सामने आ ही जाती है ।आज सुबह एक खबर ने फिर से दिल दहला दिया ।तीसरी नातिन होने पर दादी ने ही उसे मार दिया । कहाँ जा रहा है हमारा समाज ।हमारी संकीर्ण सोच हमें कहाँ ले जाएगी ।क्या बेटों से ही वंश चलता है ?क्या बेटियां यूँ ही मरती रहेंगी, कभी कोख में तो कभी जन्म के बाद ।मेरी नजर में तो ऐसे लोगों का समाज से ही निष्कासन कर देना चाहिए ।आपकी क्या राय है ?

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