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Wednesday 13 December 2017

                                            १७६ शेर 

किसी का दिल दुखाना मेरी आदत नहीं ,
कोई मुझे रुलाये ये सहन होता नहीं ।
सच्चाई के रास्ते पर चलना कठिन है बहुत ,
नफरत समाज से करना मेरी फितरत नहीं ।.

छलक जाती हैं आंखें अक्सर महफ़िल में ,
तन्हाई में सुकून नजर आता है ।
कब तक संभाले कोई दिल को अपने ,
वजूद जब आईना नजर आता है ।


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