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Saturday, 25 June 2016

                                                                                 ९.गजल
तुम हो मेरी सोच गजल में 

जीवन की जैसे हर धड्कन में 
तुम बिन सूनी दिल की गलियां 
तुम बिन प्यासी दिन और रतियाँ
कहो तो तुम में खो जाऊँ मैं
कहो तो खुद को भी भूल जाऊ मैं
कैसे होगी तुम बिन खुशियाँ

तुम से ही तो आबाद मेरी दुनिया

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