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Wednesday, 13 December 2017

                              १७५ ,जय श्री राम 

जय श्री राम,
जन जन का सिर्फ एक ही नारा शुरू करो मंदिर निर्माण ,
देश मे अपने रहकर भी क्यों भूले अपनी पहचान
बीत गए कितने ही युग अब दिए हुए राम को बनवास 

कैसी निर्दयी न्याय प्रणाली भूल गए खुद की पहचान

राम के आदर्शों पर चलकर कैसे भूले अपनी सभ्यता ,
भारत के ओ वीर सपूतो लहरा दो अब देश की शान ।
मुद्दा राम मंदिर का कैसे बन गया जी का जंजाल ,
देश में अपने रहकर ही कबूल कर लिया गैरों का फरमान
एकता और अखंडता ही है भारत की पहचान ,
कूद पढ़ो अब तुम रण में यही है वक़्त की अजान ।

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