versha varshney {यही है जिंदगी }
जय श्री कृष्णा मित्रो,
यही है जिंदगी में मैंने मेरे और आपके कुछ मनोभावों का चित्रण करने की छोटी सी कोशिश की है !
हमारी जिंदगी में दिन प्रतिदिन कुछ ऐसा घटित होता है जिससे हम विचलित हो जाते हैं और उस अद्रश्य शक्ति को पुकारने लगते हैं !
हमारे और आपके दिल की आवाज ही परमात्मा की आवाज है ,जो हमें सबसे प्रेम करना सिखाती है !
Bec Love iS life
and Life is God .
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Wednesday, 28 March 2018
५३ ,भूख
भूख गरीबी और बेगारी कहाँ गयी मानवता भारी । आंखें खोलो बांट भी दो अब गरीबों की वो छोटी सी थाली। खुद को कहते दानी भारी , कहाँ गए वो देश के पुजारी । महलों के वो वासी अनाड़ी , अनजान है क्यों दुखों से इनके , राशन खाता और बीमारी , कहाँ गयी वो मदद हमारी ।
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