118,जय श्री कृष्णा मित्रो ,
वृंदावन *(31/7/18) बांकेबिहारी ,निधिवन ,यमुना जी के कुछ यादगार पल ! जो होता है उसमें कुछ न कुछ रहस्य छिपा होता है ,बस का पंक्चर होना ,वृंदावन देर से पहुंचना और फिर वर्षों पुरानी निधिवन के दर्शन पूरी होने की इच्छा कुछ ऐसा ही संकेत करती है और मेरी आस्था को और भी मजबूती दे जाती है ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
वृंदावन *(31/7/18) बांकेबिहारी ,निधिवन ,यमुना जी के कुछ यादगार पल ! जो होता है उसमें कुछ न कुछ रहस्य छिपा होता है ,बस का पंक्चर होना ,वृंदावन देर से पहुंचना और फिर वर्षों पुरानी निधिवन के दर्शन पूरी होने की इच्छा कुछ ऐसा ही संकेत करती है और मेरी आस्था को और भी मजबूती दे जाती है ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
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