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Monday 18 March 2019

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"Gd evng friends jai shree krishna ,
एम्स के वो आठ दिन (मेरे एक रिलेटिव का हार्ट का ऑपरेशन )जैसे एक दूसरी दुनिया से रूबरू होना । वहाँ से लौटने के बाद भी आज भी ऐसा लगता है जैसे आज भी वहीं हूँ । हर दूसरे मिनट एक नया दौर ,एक नया ऑपेरशन। न  जाने कितने मासूम बच्चों की हार्ट सर्जरी 😢।ये कैसा दौर है जहाँ बच्चे कुछ समझ भी नहीं पाते और ऑपेरशन थिएटर में पहुंच जाते हैं । शायद आज के माँ बाप अपने बच्चों को लेकर ज्यादा चिंतित हैं या कुछ और ? हर छोटी प्रोब्लम को बड़ा रूप दे देना और डॉ के पास जाना ,नतीजा सारे टेस्ट और ऑपेरशन ।पता नहीं कितने दिन में मेरे मन से  हॉस्पिटल निकल पायेगा ।आखिर इतनी बीमारियों का कोई तो कारण होगा ??कहीं प्रेगनेंसी टाइम में माँ का मोबाइल का ज्यादा प्रयोग करना इन बीमारीयों की जड़ तो नहीं ?
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़"
Gd evng friends jai shree krishna ,
एम्स के वो आठ दिन (मेरे एक रिलेटिव का हार्ट का ऑपरेशन )जैसे एक दूसरी दुनिया से रूबरू होना । वहाँ से लौटने के बाद भी आज भी ऐसा लगता है जैसे आज भी वहीं हूँ । हर दूसरे मिनट एक नया दौर ,एक नया ऑपेरशन। न जाने कितने मासूम बच्चों की हार्ट सर्जरी 😢।ये कैसा दौर है जहाँ बच्चे कुछ समझ भी नहीं पाते और ऑपेरशन थिएटर में पहुंच जाते हैं । शायद आज के माँ बाप अपने बच्चों को लेकर ज्यादा चिंतित हैं या कुछ और ? हर छोटी प्रोब्लम को बड़ा रूप दे देना और डॉ के पास जाना ,नतीजा सारे टेस्ट और ऑपेरशन ।पता नहीं कितने दिन में मेरे मन से हॉस्पिटल निकल पायेगा ।आखिर इतनी बीमारियों का कोई तो कारण होगा ??कहीं प्रेगनेंसी टाइम में माँ का मोबाइल का ज्यादा प्रयोग करना इन बीमारीयों की जड़ तो नहीं ?
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

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