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Thursday 7 July 2016

                                          ५०.यादें 


भूली हुई यादें ले जाती है मन को, जाने किस ओर,

सोच रहा मन आज भी उन्ही को, जिनसे हुआ बिछोह!!

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प्रीतकर कौन सुख पायो,जानत है सब लोग,

मानकर खुद को बिधाता क्यूँ बोराए हम लोग !!

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