१०४.सौगात
फिर से आएगा कोई नया दौर जिंदगी में
दे जाएगा फिर से कोई पुरानी यादें ।
छलक जाएगा फिर से गम का प्याला ,
भुलाने की कोशिश में यादों की बारातें ।
न शिकवा रहेगा न कोई गिला होगा ,
जीत जाएंगे जब हम तुझसे तेरी यादें ।
खुश रहने की अदा भी सुकून दिलाएगी ,
न होगी शायद जब जिंदगी तेरी सौगातें ।
दे जाएगा फिर से कोई पुरानी यादें ।
छलक जाएगा फिर से गम का प्याला ,
भुलाने की कोशिश में यादों की बारातें ।
न शिकवा रहेगा न कोई गिला होगा ,
जीत जाएंगे जब हम तुझसे तेरी यादें ।
खुश रहने की अदा भी सुकून दिलाएगी ,
न होगी शायद जब जिंदगी तेरी सौगातें ।
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