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Tuesday 4 July 2017

                                          ९७.शेर 

१.इरादा छोड़ दिया था दिल लगाने का ,
न जाने क्यों तेरा अक्स नजर आ गया !

२.ये इश्क़ भी अजब चीज है , 
साल दो साल चलता है । 
महंगाई ही इतनी है यारो , 
बीबी से बात करना भी , 
कुछ ही दिनों बाद "वर्षा "
दाल रोटी के जैसा लगता है ।।

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