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Saturday 29 July 2017

                                          १२३,इश्क 

न इश्क़ गुनाह न खुदा गुनहगार ,
दिल का है सारा कसूर ।।
बनाकर सपनों को प्यार ,
आंखों को देता आँसू हजार ।।


जिंदगी को जीना है तेरी नजरों से !
ऐ जिंदगी एक बार तो सजा दे मुझे !!

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