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/ख्यालों में भी सिर्फ ख्याल है तुम्हारा /
कि मुद्दत हुई नहीं मिले खुद से ,
सिमट जाता एक पल में करार दिल का ,
कि आरजू में भी सिर्फ इंतजार है तुम्हारा //
एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति न तो रो सकता है, न हॅंस सकता है । ये दुनिया किसी को नहीं जीने देती ,यदि व्यक्ति अच्छे से रहता है तो परेशानी यदि किसी से अपना दुखड़ा रोता है तो भी परेशानी ।अजीब दुनिया के अजीब ढंग । मेरी नजरों में वो व्यक्ति सबसे गरीब है जो दूसरों की भावनाएं नहीं समझ सकता और सबसे अमीर वो जो अभाव होते हुए भी ईश्वर में पूर्ण आस्था रखता है ।कोई व्यक्ति अपने जीवन में किन परिस्थितियों को सहन कर रहा है और अतीत में किया है उसके बाहरी आवरण को देखकर अंदाजा लगाना भी मुश्किल है ।कोई व्यक्ति बहुत सारे साधन होने के बाद भी गरीब ही नजर आता है और कोई दो जोड़ी कपड़ों में भी खुद को maintain रखता है ।शायद इसको बनावटी जीवन कहेंगे लेकिन यही बनावटीपन उसकी परिस्थितियों को ढकने में सहायक होता है ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़