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.#ब्राह्मण जन्म से नहीं कर्म से होते हैं ।ब्राह्मण सबमें ब्रह्म को ही देखता है ।कोई भी जन्म से ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य या शुद्र नहीं होता,व्यक्ति के कर्म ही उसे विशेष बनाते हैं ।
#यदि अपने बच्चों के #जीवन में खुशी चाहिए ,तो #संस्कार अपनाने ही होंगे वरना उनका पतन #सुनिश्चित है ।एक बच्चा जैसा घर में देखता है वही ग्रहण करता है ।अब ये आपके ऊपर है कि आप बच्चे को क्या बनाना चाहते हैं ।आज आपके पास अपने बच्चों के लिए समय नहीं फिर कल उनसे उम्मीद क्यों कि वो आपको समय दें ।
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