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Sunday 24 January 2021

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.प्रेम से न किसी का वास्ता

पैसा ही सबसे बड़ा रिश्ता
हार जाता है सच्चा रिश्ता
अहम जिंदगी का फरिश्ता
माँ बाप की गलती की सजा
क्यों भुगतता ताउम्र बच्चा
यूँ तो कहने को भीड़ है बहुत
हर दिल ढूंढता सच्चा रिश्ता
आँसू भी जब लगने लगे बोझ
टूट जाता दिल का गुलिस्तां
मतलबी संसार ,दो पल ख़ुशी
ख्वाब और हकीकत जैसा रिश्ता
उम्मीदों के रोशनदान बंद हुए
बुनने लगा इंसान अपना सपना
बंद चौखट में सिसकियों का
जैसे सज रहा एक और रिश्ता ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
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