Followers

Saturday 23 January 2021

 159,#यादगार #अंक

#4 का अंक मेरे जीवन का अभिन्न अंग है ।इस #4 के अंक ने मुझे #खुशियाँ भी दीं और किसी से न #बाँट पाने वाले #बेशुमार गम भी । मेरे #जीवन में अब तक जो भी हुआ उसमें स्वतः ही #4 के अंक ने भी प्रवेश कर लिया ,लगता है जीवन का #अंतिम अंक भी #4 ही होगा ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

No comments:

Post a Comment