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Sunday 24 January 2021

 166.नई दिल्ली से प्रकाशित #वुमेन एक्सप्रेस में मेरी कविता ।

May be an image of 1 person and text that says "माँग तो भर दी वूमेनएक्सप्रेस तुमने मेरी गरमाई सियासत, नौकरशाही मेरी माँग अभी माँग पूरी दिया अपना मुझे करना तुमने शेष नाम अभी नाम दिलाना शेष है की दरकार हजारठीकभी पढ़ ली कृष्ण की लीला प्रेम राधा का तो गए बाँसुरी बाँसुरी का राग समझना समाहितहैमनमेंदरदकासागर पा आसान नफरत को को बाँटना तो अभी शेष सुखदुःख मन का बहकावा अभी शेष मन को समझाना पाप है सिर्फ दुःख की गठरी पुण्य का मर्म समझना शेष है संसार है एक नाटकशाला है नाटक को समझना शेष हम सब सिर्फ कठपुतली ईश्वर लीला समझना शेष है वर्षा वार्षणेय अलीगढ़"

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