86.दुःखद ,
कितना आसान होता है किसी के लिए आसानी से कह देना कि वो कायर था इसलिए आत्महत्या कर ली लेकिन ये सोचना भी गलत है कि आत्महत्या बुजदिल लोग ही करते हैं ।जिंदगी को अलविदा कहने से पहले वो शख्स किस मानसिक तनाव से गुजरा होगा ,कितनी बार स्वयं से लड़ा होगा ये समझना आम इंसान के लिए आसान नहीं ।अपनों का संबल न मिलना ,वो भी ऐसे वक्त में जब व्यक्ति पूरी तरह से बिखर चुका हो ,किसी का साथ न मिल पाना ,अपनी बातों को किसी के साथ शेयर न कर पाना किसी भी व्यक्ति को गहरे अवसाद में डुबो देता है और उसे अपने चारो ओर सिर्फ अंधेरा नजर आता है,और अंत कितना दुःखद 
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आज की व्यस्त दुनिया में किसको किससे मतलब है ।कोई मरे या जीये किसी को कोई मतलब नहीं फिर क्यों किसी के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं कर पाते ?क्यों इस अनमोल जीवन को व्यर्थ गँवा देते हैं ?ये दुनिया किसी के लिए न रुकी न रुकेगी बस चलती ही रहती है ।जीवन अनमोल है 
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14/6/20 वर्षा ##
ये मानव जीवन बहुत प्रयत्न के बाद मिलता है
इसे व्यर्थ न करना /सुख दुःख दुनिया के दो पहलू हैं जिसने इसको स्वीकार कर लिया वही इस दुनिया में जी सकता है ।
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वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
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