Followers

Friday 9 October 2020

 79 https://thegramtoday.page/.../korona-aur.../dsRI6j.html


#कोरोना
और हमारा आज
कोरोना से भयभीत होने की जरूरत नहीं ,इससे भी भयानक परिस्थितियां हम सबके जीवन में आयी हैं तो क्या किसी ने जीना बंद कर दिया ? 8 साल की छोटी उम्र में माँ का साया सर से उठ जाना ,सोचती थी कैसे कटेगी जिंदगी माँ के बिना बहुत रोई थी जब ,लेकिन जिंदगी तो फिर भी नहीं रुकी ।10 साल की उम्र में नानी का साथ भी छूट जाना, जिंदगी फिर भी चलती रही ,थमी नहीं ।हाँ माँ के न होने से बहुत सारे सपने बिखर गए तो क्या हुआ जीना तो पड़ता है न ।पिता का दूसरी शादी कर लेना और मुड़कर भी न देखना शायद जिंदगी का एक और प्रहार था ।6 चाचा ताऊ के होते हुए भी जीवन अकेले काटना पड़ा, जिंदगी फिर भी नहीं रुकी ।हमारे जीवन में कुछ ऐसी अप्रत्याशित घटनाएँ भी घटती हैं जिनके बारे में हम कभी सपने में भी नहीं सोच सकते लेकिन फिर भी एक हिम्मत के साथ जीना पड़ता है तो आज इस कोरोना जैसी बीमारी को लेकर इतना क्या सोचना ?आज भी दस साल से लिवर में tumour(haemengioma) की बीमारी से लड़ रही हूँ लेकिन हिम्मत को बाँधना पड़ता है अपनों के लिए वरना जिंदगी और मौत तो अमिट सत्य है इससे कैसा डर ? जीने की इच्छा न होते हुए भी जीवन के सारे फर्ज पूरे करने पड़ते हैं कभी दूसरों की ख़ुशी के लिए तो कभी अपनों के वास्ते ,लेकिन जिंदगी चलती रहती है अनवरत ,जब तक की साँसें लिखी हुई हैं जीना तो पड़ेगा फिर मृत्यु से कैसा डर ।हाँ यदि आपको प्रेम मिल जाये तो जीवन थोड़ा आसान हो जाता है लेकिन प्रेम मिलना या न मिलना ये भी नसीब की बात है । सोचिये क्या पहले कभी इस कोरोना से ज्यादा गंभीर परिस्थितियों से सामना नहीं करना पड़ा?फिर आज इतनी दहशत क्यों और किसके लिए ?ईश्वर पर अटूट विश्वास और चुनौतियों का डटकर सामना करना ही हमारा जीने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है ।कोरोना से डरने की नहीं बल्कि सिर्फ सावधानी रखने की आवश्यकता है बाकी जो लिखा है जीवन में न कोई रोक पाया न रोक पायेगा। सिर्फ एक बात याद रखने की परम आवश्यकता है न हम किसी के विधाता हैं न किसी को खिलाने वाले ,इस दुनिया में सब अपना नसीब साथ लेकर आते हैं चाहे बच्चे हों या परिवार का कोई भी सदस्य ।किसी की जिंदगी न किसी के बिना रुकी है न बदली है ।माँ बाप भी सिर्फ जन्म के साथी होते हैं न कि कर्म के।सबका अपना कर्म सबका अपना नसीब । आइये कोरोना का बिना भयभीत हए डटकर सामना करें बाकी सब ईश्वर पर छोड़ दें ।
#जय श्री कृष्ण
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

No comments:

Post a Comment