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Wednesday 14 October 2020

 85.क्या फर्क पड़ता है किसी को हम खुश रहें या दुखी ।आज सभी अपनी दुनिया में व्यस्त हैं ।

मेरा लेख ,
बीमारी की गंभीरता को समझें - दि ग्राम टुडे प्रकाशन समूह न्यूज पोर्टल हिन्दी -
हमारी लापरवाही ने हमारे देश को कहाँ पहुँचा दिया लेकिन हम अब भी नहीं समझ पा रहे ।गलियों में चाट पकौड़ी के ठेलों पर बढ़ती हुई भीड़ हमें बता रही है कि हम कितने नासमझ हैं ,ऐसा लग रहा है यदि पानी पूरी और कचौड़ी नहीं खाई तो जिंदा रहना मुश्किल है ।क्यों नहीं समझ रहे कि ये हमारे लिए कितना नुकसान दायक है ।लॉक डॉउन के बाद से अक्सर देखने को मिल रहा है कि सार्वजनिक स्थान हो, बैंक, अस्पताल सभी जगह पर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग को मजाक बना दिया है । किसी को बीमारी का कतई डर नही है, ऐसा ही हाल प्राइवेट वाहनों का भी है जहाँ लोग दूरी बनाये रखने का पालन नहीं कर रहे । भगवान जाने कि क्या होगा आगे ...... सरकार / प्रशासन इस बात को बार बार कह रहे है कि दूरी बनाये व मास्क लगा कर अपने घरों से निकले लेकिन अभी भी बहुत से लोग इस बीमारी की गंभीरता नहीं समझ रहे, इस पर ध्यान नही दे रहे ।
#कृपया बीमारी की गंभीरता को।समझें और नियमों का पालन करें /
बीमारी की गंभीरता को समझें
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बीमारी की गंभीरता को समझें
हमारी लापरवाही ने हमारे देश को कहाँ पहुँचा दिया लेकिन हम अब भी नहीं समझ पा रहे ।गलियों में चाट पकौड़ी के ठेलों पर बढ़त...




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