Followers

Friday 9 October 2020

 62.एक औरत के लिए हर युग एक जैसा है न कभी कुछ बदला न बदलेगा ।

मेरी रचना 'कोरोना-एक कहर ,साहित्यसुधा पर /
Image may contain: text that says "मुखपूष् साहित्यकारों की वेबपत्रिका साहित्यसुधा अंक 84, मई(प्रथम), 2020 दुनिया हुई परेशान वर्षा वाष्णेय कोरोना के कहर से दुनिया हुई परेशान चंद नादान लोगों से विश्व हुआ हैरान चार दिन की दूरियाँ जिंदगी पर मेहरबान ये खेल नहीं आसां मत बनो तुम नादान धन संपत्ति तो है सिर्फ हाथों का संधान सुरक्षित आज का पहला फरमान ये जीवन अनमोल प्रकृति का सम्पूर्ण ज्ञान स्वस्थ रहोगे तभी तो भोग पाओगे वरदान पहला सुख निरोगी भूल इंसान घर रहना है आज का लिखित संविधान"
e


No comments:

Post a Comment