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Thursday 8 October 2020

 37..,मेरी कविता ज्ञानगंगा मासिक पत्रिका में ।



सूने से मन का संसार है fb की दुनिया ,

अकेले रंग का विस्तार है ये दुनिया।
डुबो देती है सारे जग को अपने रंग में ,
जिंदगी से लड़ने का रंगीन अहसास है ये दुनिया।

आसान नहीं प्रेम की रीत निभाना ,
मुश्किल है प्रेम को समझ पाना।

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