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Thursday 8 October 2020

औरतें - दि ग्राम टुडे प्रकाशन समूह न्यूज पोर्टल हिन्दी -



 52.*औरतें *

एक औरत एक पुरुष में सिर्फ प्रेमी ही नहीं ढूंढती बल्कि वो एक पिता भी चाहती है जो उसके सपनों को पंख दे सके ।एक ऐसा भाई तलाशती है जो उसे सिर्फ कैद में न रखे बल्कि उसे दुःख में संबल दे सके ।एक ऐसा प्रेमी जो उसे सिर्फ भोग की वस्तु न समझे,उसकी इच्छाओं का गला घोंटकर सिर्फ अपनी बात को ही सत्य सिद्ध करने की कोशिश न करे ,उसकी भावनाओं का सम्मान करे। एक ऐसा प्रेमी जो प्यार को सिर्फ नजरों से समझ जाए ।एक औरत सिर्फ और सिर्फ प्रेम चाहती है फिर वो चाहे कोई भी रूप हो ।सिर्फ प्रेम की खातिर अपना सर्वस्व लुटा देने वाली स्त्री सिर्फ उपेक्षा की पात्र क्यों ? जिस देश में देवी की पूजा होती है वहीं आज भी स्त्री सिर्फ उपेक्षा और हँसी का पात्र है ।अब आप लोग पूछेंगे कि ऐसा क्या हुआ ?ऐसा कुछ भी नहीं ये एक सार्वभौमिक सत्य है जो आज भी स्त्री के लिए सिर्फ याचना मात्र माना जाता है ।बेटी ,बहू ,पत्नी ,मित्र सभी रूप में स्त्री सिर्फ और सिर्फ प्रेम तलाशती है जो उसे आत्मसम्मान के साथ जीने की हिम्मत देता है!
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़


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