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Wednesday 14 October 2020

 100.#मातृत्व ममता सम्मान #2020 - KAVYA RANGOLI द्वारा चयनित मेरी कविता "माँ"मेरी माँ को सादर समर्पित

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#नैनों में प्रेम के अदृश्य पंख बिछाए
माँ ही है जो दुख को समझ जाए
कब भूख लगी कब प्यास सताए
माँ से बेहतर ये कौन जान पाए
#प्रीत प्रेम का विस्तृत आकाश
दिल में प्रेम की नदिया बहाए
माँ का दिल निश्छल समंदर जैसा
बच्चे को बुरी नजर से बचाये
#ममता की साकार मूरत हो तुम
अँखियों में अपनी अश्रु छिपाए
आशीर्वाद से तेरी माँ सबकी
झोलियाँ अक्सर छोटी पड़ जाए
#माँ आज भी रोती है ये आँखें
क्यों छोड़ गयी तुम मुझको रोता
आज भी एक प्रश्न समझ न आये
क्या था कसूर जो माफ न कर पाए
#माँ दुनिया में तेरा कोई जोड़ नहीं
माँ तू अनमोल है तेरा कोई मोल नहीं
हर पल तेरी कमी मुझको सताए
आजा ओ माँ तेरी याद बहुत रुलाये
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

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