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Monday 30 December 2019

108.october


आधी अधूरी सी जिंदगी
न जाने कब कहानी हो गयी ।
पत्थरों के शहर में जैसे साँस भी बेमानी हो गयी ।

प्यार तो ईश्वर का वरदान है जो सबको नहीं मिलता,जिनको मिलता है उन्हें इसे सहेजकर रखना चाहिए ।

दूसरों से उम्मीदें और अपेक्षाएं जीवन को रसविहीन कर देती हैं ।

अंतर्मन की बुराइयों को नष्ट करना ही सही मायनों में रावण का दहन करना है ।


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