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Saturday 28 December 2019

74,वो दिन बीत गए

जब प्यार की बातें होती थीं
अब है सिर्फ राजनीति का बोलबाला
नुक्कड़ पे भी लड़ाई होती है ।


#दिल को झूठा दिलासा देना भी जरूरी था
मेरे हक़ पर किसी और का हक़ ही भारी था ।#
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

#बढ़ना ही जिंदगी है
रुकना है मौत तेरी ।
लाख आएं रुकावटें
ये जिंदगी है तेरी ।#

बेटियाँ कब .......पराई होती हैं
दूर होकर भी दिल में समाई होती हैं ।

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