126.खामोशियों में अक्सर सिमट जाते हैं वो जज्बात ,
जिन्हें कबूल करने की आदत बेबजह नहीं होती ।
बदल जाते हैं लोग अक्सर वक़्त के साथ ,
पता था हमें ,
लहरों को कभी साहिल नहीं मिलता ।
पता था हमें ,
लहरों को कभी साहिल नहीं मिलता ।
बेपनाह मोहब्बत का अंजाम कुछ यूँ भी देखा हमने
#डूबते गए दरिया में और किनारा भी नजर आता रहा /#
#डूबते गए दरिया में और किनारा भी नजर आता रहा /#
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