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Thursday 26 December 2019

46 april 

मृगतृष्णा सारा संसार ,
पाया न कोई जिसका पार 
चुन चुन तिनके महल बनाया ,
अंत रहा न कोई आधार ।

#परोपकार के बदले कुछ पाने की उम्मीद करना प्रेम नहीं सिर्फ व्यापार है ।#



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