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Thursday, 26 December 2019

56 .प्रतिध्वनि की पराकाष्ठा ही तो पुनर्जन्म का प्रकाश है ,

तभी तो दिल से जुड़े रिश्तों में खून के रिश्तों जैसा जुड़ाव है।
वर्षा22@

चलो आज खुद को आजाद करते हैं
आजादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
 फिर हम ही क्यों इससे वंचित रहें ।
सोचिये जरा देश की ओर

अगर तुम ये सोचते हो कि बीमारी में सिर्फ आराम की जरूरत होती है तो ये तुम्हारी सबसे बड़ी भूल है ।यदि ऐसा ही होता तो कोई व्यक्ति न किसी से बोलता और मरीज तो शायद बचता ही नहीं ।अपनी सोच को बदलो।बीमारी में व्यक्ति को दवा से ज्यादा मानसिक सहारे की जरूरत ज्यादा होती है यदि यकीन न हो तो आजम कर देख लेना ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

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