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Thursday 26 December 2019

59 .

नसीब से ज्यादा और समय से पहले कुछ भी उम्मीद करना व्यर्थ है,फिर भी कर्म प्रधान है ।

अकेले आये हैं अकेले ही जाना होगा ,
जिंदगी का सफर इसी सच पर गुजारना होगा ।

खुश होना पर मगरूर नहीं
ये सफर है कोई तुम्हारा घर नहीं ।

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