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जय श्री कृष्ण मित्रो अंतरराष्ट्रीय पत्रिका प्रयास के जनवरी -फरवरी अंक में ............
#क्या राजा और क्या रंक यहाँ ,सारा जहाँ दुःख का है खजाना ।तू न जाने मेरी कहानी , मेरा जीवन दर्द का अफसाना ।
दूर से लगते हैं जो चमकते ,निकले वो भी झूठ का मयखाना ।
कोठे चढ़ देखा तो जाना ,हर कोई दुखिया एक समाना ।#
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
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