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Monday 30 December 2019

142,जय श्री कृष्ण



*साँसें एक हैं

धड़कन भी एक
कहो ,न फिर
क्यों हैं भेष अनेक ।*

*संगीत है कृष्ण
गीत है राधे ,
एक दूजे बिन
लगते आधे आधे ।*
जय श्री राधे ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

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